Krishna Bhajan Lyrics | Aisi laagi lagan | Achyutam keshavam | Shree krishan govind hare murari

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन
aisi laagi lagan meera ho gayi magan


है आँख वो जो श्याम का दर्शन किया करे,

है शीश जो प्रभु चरण में वंदन किया करे ।

बेकार वो मुख है जो व्यर्थ बातों में,

मुख है वो जो हरी नाम का सुमिरन किया करे ॥

हीरे मोती से नहीं शोभा है हाथ की,

है हाथ जो भगवान् का पूजन किया करे ।

मर के भी अमर नाम है उस जीव का जग में,

प्रभु प्रेम में बलिदान जो जीवन किया करे ॥


ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


महलों में पली, बन के जोगन चली ।

मीरा रानी दीवानी कहाने लगी ॥


कोई रोके नहीं, कोई टोके नहीं,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।

बैठी संतो के संग, रंगी मोहन के रंग,

मीरा प्रेमी प्रीतम को मनाने लगी ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


राणा ने विष दिया, मानो अमृत पिया,

मीरा सागर में सरिता समाने लगी ।

दुःख लाखों सहे, मुख से गोविन्द कहे,

मीरा गोविन्द गोपाल गाने लगी ।

वो तो गली गली हरी गुण गाने लगी ॥


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
achyutam keshavam krishna damodaram ram narayanam

achyutam keshavam krishna damodaram ram narayanam


अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं,

राम नारायणं जानकी बल्लभम ।


कौन कहता हे भगवान आते नहीं,

तुम भक्त मीरा के जैसे बुलाते नहीं।


कौन कहता है भगवान खाते नहीं,

बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं।


कौन कहता है भगवान सोते नहीं,

माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं।


कौन कहता है भगवान नाचते नहीं,

गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं।


नाम जपते चलो काम करते चलो,

हर समय कृष्ण का ध्यान करते चलो।


याद आएगी उनको कभी ना कभी,

कृष्ण दर्शन तो देंगे कभी ना कभी।


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
shree krishan govind hare murari

shree krishan govind hare murari

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

हे नाथ नारायण वासुदेवा


संतो के रक्षक भगतो के प्यारे

शत कोटि तुमको नमन हमारे


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

हे नाथ नारायण वासुदेवा


संतो के रक्षक भगतो के प्यारे

शत कोटि तुमको नमन हमारे


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

हे नाथ नारायण वासुदेवा


संतो के रक्षक भगतो के प्यारे

शत कोटि तुमको नमन हमारे ||


Post a Comment

0 Comments